ॐ
श्री काली माता आरती
काली माता आरती ऑडियो
जय काली जय काली माँ, जय काली भवानी॥
जय शंकर प्रिय प्यारी, कल्याणी वरदानी॥
जय शंकर प्रिय प्यारी, कल्याणी वरदानी॥
Victory to Mother Kali, Victory to Kali Bhavani! Victory to Shankara’s beloved, the auspicious one who grants boons.
मुण्ड माला गल शोभित, कर खप्पर धारी॥
अगणित भूत प्रेत गण, करत रखवारी॥
अगणित भूत प्रेत गण, करत रखवारी॥
Adorned with a garland of skulls, holding a skull-bowl in hand. Countless ghosts and spirits stand guard around you.
जीभ लपक ललकारी, दन्त दमकारे॥
रुण्ड मुण्ड खण्ड खण्ड, कर तलवारे॥
रुण्ड मुण्ड खण्ड खण्ड, कर तलवारे॥
Your tongue flashes forth, teeth gleaming bright. With sword in hand, you sever heads from bodies.
भक्तन की रखवारी, दुष्टन संहारी॥
सुर नर मुनि जन सेवत, त्रिपुरारी प्यारी॥
सुर नर मुनि जन सेवत, त्रिपुरारी प्यारी॥
Protector of devotees, destroyer of the wicked. Gods, humans, and sages serve you, beloved of Tripurari.
चन्द्र सूर्य दुति मन्द, तेज अपारा॥
काल कराल रूप तव, शक्ति अपारा॥
काल कराल रूप तव, शक्ति अपारा॥
The sun and moon’s light dims before your boundless radiance. Your fierce form of time itself holds infinite power.
तुम बिन कौन सहाई, जगत भवानी॥
भव बन्धन से तारो, मैया महारानी॥
भव बन्धन से तारो, मैया महारानी॥
Who else can help us, O Mother of the Universe? Free us from worldly bondage, O Great Queen Mother.
धूप दीप नैवेद्य, भोग लगावें॥
श्री काली जी की आरती, जो जन गावें॥
श्री काली जी की आरती, जो जन गावें॥
We offer incense, lamp, and food offerings. Blessed are those who sing Shri Kali’s aarti.
काली माँ की आरती, जो कोई नर गावे॥
कहत शिवानन्द स्वामी, मनवांछित फल पावे॥
कहत शिवानन्द स्वामी, मनवांछित फल पावे॥
Says Shivananda Swami, whoever sings Mother Kali’s aarti obtains their heart’s desires.

आरती का महत्व
- तांत्रिक सिद्धि
- भय मुक्ति
- आत्म ज्ञान
- काल पर विजय
- मोक्ष प्राप्ति
॥ श्री काली माता का दिव्य स्वरूप ॥
दिव्य रूप
- श्याम वर्ण शरीर
- मुक्त केश
- त्रिनेत्र धारी
- लाल जिह्वा
- वरद मुद्रा
- खड्ग खप्पर धारिणी
- मुण्डमाला विभूषिता
- नागेन्द्र हार भूषिता
तांत्रिक महत्व
दश महाविद्या
काली, तारा, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, छिन्नमस्ता, भैरवी, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी, कमला
शक्ति स्वरूप
काल से परे, आदि शक्ति, महाकाली रूप में त्रिगुणातीत
साधना मार्ग
वामाचार और दक्षिणाचार दोनों मार्गों में पूज्य
उपासना विधि
1
श्मशान वैराग्य
2
मंत्र जाप
3
तांत्रिक पूजन
4
भैरव आराधना
5
कुण्डलिनी जागरण
विशेष तिथियाँ और पर्व
कालरात्रि
नवरात्रि का सातवाँ दिन
दीपावली अमावस्या
काली पूजा का प्रमुख दिन
भैरव अष्टमी
काली-भैरव मिलन
श्मशान अमावस्या
तांत्रिक साधना का विशेष दिन