Menu

॥ आरती संग्रह ॥

सभी देवी-देवताओं की आरती एक ही जगह
Ganesh Ji Aarti
आरती पढ़ें

श्री गणेश जी की आरती

जय गणेश जी की आरती

Hanuman Ji Aarti
आरती पढ़ें

श्री हनुमान जी की आरती

आरती कीजै हनुमान लला की

Durga Mata Aarti
आरती पढ़ें

माँ दुर्गा की आरती

जय अम्बे गौरी मैया

Krishna Ji Aarti
आरती पढ़ें

श्री कृष्ण की आरती

आरती कुंज बिहारी की

Shiv Ji Aarti
आरती पढ़ें

श्री शिव जी की आरती

ॐ जय शिव ओंकारा

Laxmi Mata Aarti
आरती पढ़ें

माँ लक्ष्मी की आरती

ॐ जय लक्ष्मी माता

Saraswati Mata Aarti
आरती पढ़ें

माँ सरस्वती की आरती

जय सरस्वती माता

Santoshi Mata Aarti
आरती पढ़ें

माँ संतोषी की आरती

जय संतोषी माता

आरती का आध्यात्मिक महत्व

आरती हमारी प्राचीन परंपरा का एक महत्वपूर्ण अंग है। यह केवल एक धार्मिक कर्म नहीं, बल्कि आत्मा और परमात्मा के मिलन का पावन क्षण है। आरती के समय दीप की ज्योति, धूप की सुगंध, और मंत्रों की ध्वनि से वातावरण दिव्य हो जाता है।

आत्मिक उन्नति का मार्ग
भक्ति का सर्वोच्च रूप
मन की शांति का स्रोत
आध्यात्मिक चेतना का जागरण

आरती की परंपरा

प्रातः आरती सूर्योदय (ब्रह्म मुहूर्त 4:00 – 6:00 AM)

ब्रह्म मुहूर्त में की जाने वाली मंगल आरती, जो दिन की शुरुआत को पवित्र बनाती है। यह समय आध्यात्मिक ऊर्जा के लिए सर्वश्रेष्ठ माना जाता है।

संध्या आरती सूर्यास्त (6:30 – 7:30 PM)

सूर्यास्त के समय की जाने वाली शुभ आरती, जो दिन और रात के संधि काल में विशेष महत्व रखती है। यह समय देवी-देवताओं के जागरण का समय माना जाता है।

शयन आरती रात्रि (8:00 – 9:00 PM)

रात्रि में की जाने वाली विशेष आरती, जिसमें भगवान को शयन से पूर्व आरती अर्पित की जाती है। यह दिन का समापन करने का शुभ समय है।

आरती विधि एवं नियम

1

आरती की तैयारी

थाली में दीपक, अगरबत्ती, कपूर, पुष्प, और घंटी रखें

2

मंगल आचरण

पवित्र मन से भगवान के समक्ष खड़े हों

3

आरती का क्रम

घंटी बजाते हुए आरती गायन करें

4

समापन

आरती के बाद भगवान को प्रणाम करें

आरती का महत्व

दीपक की ज्योति से अज्ञान का अंधकार दूर होता है

धूप से नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है

घंटी की ध्वनि से मन एकाग्र होता है

आरती से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है